0 मुखाग्नि आज शुक्रवार को 11 बजे पचोखरा में
उरई (जालौन)। जनपद जालौन के गौरव संपूर्ण विश्व में रामायण कथा के प्रख्यात सरस वक्ता राजेश्वरानंद जी उर्फ राजेश रामायणी का हृदय गति रुक जाने से निधन होने की जानकारी जैसे ही लोगों को पता चली तो संत समाज ही नहीं बल्कि समूचे समाज में शोक की लहर दौड़ गयी। उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव पचोखरा में हिंदू रीति रिवाज के अनुसार 11 जनवरी को होगा।
गौरतलब हो कि विश्व पटल पर प्रखर राम कथा वक्ता के रूप में भारत की संस्कृति को गौरवान्वित करने वाले बुंदेलखंड की पावन भूमि के अमूल्य रत्न राजेश्वरानंद जी महाराज (राजेश रामायणी) छत्तीसगढ़ प्रदेश के रायपुर में रामकथा के लिए गए थे वहीं पर अचानक उनका हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया है। यह सूचना जनपद जालौन में पहुंचने पर संपूर्ण जनपद में शोक की लहर व्याप्त हो गई है। उनके पार्थिव शरीर को लेने के लिए उनके पुत्र गुरुप्रसाद शर्मा प्रधान पचोखरा एवं अनेक लोग नागपुर पहुंच गए हैं। श्री रामायण जी का अंतिम संस्कार कल शुक्रवार को हिंदू रिवाज के साथ उनके पैतृक गांव पचोखरा में 11 जनवरी को होगा। उल्लेखनीय हो कि रामकथा वाचक श्री राजेश्वरानंद उर्फ राजेश रामायणी ने देश में अपनी रामकथा प्रवचन से बनाई थी अलग पहचान बनायी थी। हाल ही में वह रायपुर (छत्तीसगढ़) में राम कथा करने के लिये पहुंचे थे वहां पर कार्यक्रम के दौरान पड़ा हार्ट अटैक आने के चलते उनका असमय निधन हो गया। बचपन से ही राम भक्त होने के कारण मुस्लिम धर्म छोड़कर हिन्दू धर्म अपना लिया था साथ ही उन्होंने गांव में ही आश्रम का निर्माण कराकर देश ही नहीं बल्कि विदेशों में रामकथा का वाचन करने जाते थे।
फोटो परिचय—
राजेश्वरानंद महाराज।
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